Saturday 20 January 2018

खेल महोत्सव 2018


 सभी बन्धुगनों को प्रणाम
जैसे की आप जानते है ब्राह्मण युवा संगठन प्रति वर्ष क्रिकेट खेल का आयोजन करता आया हैं | इस वर्ष भी खेल का आयोजन किया गया किन्तु खेल को क्रिकेट तक सीमित ना रखते हुए इसका विस्तार कर अन्य खेलों को भी शामिल कर मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर इसे एक महोत्सव का स्वरुप दिया गया | जिसे "खेल-महोत्सव" का नाम दिया गया क्यूंकि यह एक दिन नहीं बल्कि तीन दिन तक (14 Jan to 16 Jan 2018) चलता रहा |
खेल-महोत्सव के आयोजन पर विचार मंथन दो मास पूर्व आरम्भ हुआ | इसके लिए हमने सबसे पहले सह-संयोजक टीम बनाई | जिसमे राजेश पालीवाल, दिनेश भट्ट, योगेश जोशी, नन्द कुमार जोशी, राहुल गेलावत, मयूर उपाध्याय, निर्मला बोहरा और संगीता उपाध्याय को सहयोगी बनाया | हम सभी सहयोगी समयानुसार कभी शुक्रवार के दिन मरीना बीच पर तो कभी विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा विचारों का आदान प्रदान करते | सबसे पहले हम सभी के बीच दीपावली पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन पर सहमति बनी | किन्तु वर्षा और तूफ़ान जैसी स्थिति बन जाने के कारण स्थगित कर आगे के कार्यक्रम पर रणनीति बनाना तय हुआ |
इस बार हम खेल में चेस, कैरम, थ्रोबाल, रंगोली, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, और क्रिकेट को भी शामिल किए | क्यूंकि मकर संक्रान्ति के पर्व पर बच्चो के विद्यालयों का अवकाश होता हैं और इस कारण महिलाएं भी गृह कार्यों से शीग्र निवृत्ति हो जाती है तो उनका इन खेलों में भाग लेना सुविधाजनक होगा जान 14,15, और 16 तारीख निश्चय कर खेलों की सूचि को बांटा |
कार्यक्रम के आयोजन में हमे कई समस्याओं का सामना करना पडा | हमारे सहयोगीयों को अपने निजी और पारिवारिक कारणों के कारन आयोजन से दूर होना पडा | अब कार्य भार हम दो तीन सहयोगियों को उठाना पडा | अटल विश्वास और समाज को आगे रख हमने इस भार को भी उठाना स्वीकार किया और चल पड़े | शहर में महंगाई और खेलों के लिए उचित स्थान मिलना कठिन लग रहा था तो हम मफसिल की ओर देखना प्रारम्भ किए | तभी एक दिन रोशन सिलोरा ने हमे एक नव निर्मित बैडमिंटन स्टेडियम के उदघाटन होने की सुचना दी | हम अपने सहयोगियों के साथ उस स्टेडियम को देखने गए और देखते ही वह स्टेडियम हमे रास आ गया | बैडमिंटन के लिए हमने क्रिश्नापुरम (पोन्नेरी) स्थित इस नवनिर्मित बैडमिंटन इंडोर स्टेडियम को ही चुना | अब समय रणनीति बनानी थी की कैसे खेल का आयोजन किया जाय ताकि व्यवस्था भी हो सके और आयोजन भी बिना कठिनाई के हो सके | तो हम सबने निर्णय लिया की सारे खेल पोन्नेरी में ही किया जाय ताकि व्यवस्था और आयोजन दोनों पर अपनी पकड़ रख सके | 14 जनवरी को बैडमिंटन,वॉलीबाल 15 जनवरी को चेस, कैरम, थ्रोबाल, रंगोली और 16 जनवरी को क्रिकेट खेल का आयोजन करने का निश्चय हुआ |
13 जनवरी मध्यकाल समय में हम अपने सहयोगी मयूर उपाध्याय, और राहुल गेलावत के साथ आयोजन स्थल पर पहुंचे | आयोजन स्थल का निरिक्षण कर हम सब रात रोशन सिलोरा के यहाँ बिताए | 14 जनवरी उत्साह और उमंग से भरपूर हम सभी सहयोगी लगभग आठ बजे बैडमिंटन स्टेडियम पहुँचे | एक के बाद  एक प्रतियोगियों का आगमन होना प्रारंभ हुआ | सभी के नेत्रों में खेल के प्रति उत्साह और अपनों से मिलने का सुख साफ़-साफ़ झलक रहा था | सभी एक दुसरे से ऐसे मिल रहे थे जैसे कई वर्षों से बिछडे हुए है और आज मिलना का अवसर प्राप्त हुआ हैं | हर जगह हंसी टिटोली के साथ खेल के प्रति उनका रूचि भी देखने को मिली | कोई सेल्फी लिए जा रहा था तो कोई भव्य आयोजन देख अपना उत्साह रोक नहीं पा रहा था |
इस बार के खेल-महोत्सव में प्रथम बार समाज की महिलाएँ और लड़कियों ने भी खेल में रूचि दिखाते हुए भाग लिया | जहां महिलाओं को घूँघट और कुछ स्थानों या रिवाजों के नाम पर सीमित किया जा रहा था वही उनका यु खुल कर खेलों में भाग लेना हमारे लिए कोई उपलब्धि से कम नहीं था | महिलाएं और लड़कियों ने भी बैडमिंटन में भाग लिया और जम कर अवसर का लाभ उठाया | पुरुषों का डबल्स और महिलाओं का सिंगल्स गेम खेला गया | पुरुषों और महिलाओं के खेल में जबरदस्त टक्कर का खेल चला | पुरुष डबल्स में दर्शन सिलोरा और महेश उपाध्याय की जीत हुई तथा भरत सिलोरा और हर्षित सिलोरा दुसरे स्थान पर आए | वही महिलाओं में तुलसी शर्मा पहले स्थान पर और चांदनी उपाध्याय दुसरे स्थान पर आई |मुख्य अथिति के रूप में श्रीमान घीसुलाल सा पलिवाल को आमन्त्रित किया गया |





बैडमिंटन प्रतियोगिता के समापन के पश्चात भोजन की व्यवस्था की गई | भोजन उपरान्त वॉलीबाल प्रतियोगिता खेला गया | जिसमे चार टीमों ने भाग लिया | प्रतियोगिता भी बड़े ही रोमांचक होते हुए अपने आखरी चरण पर पहुंचा | कांटे का संघर्ष के बाद भरत सिलोरा और उनकी टीम ने जीत का परचम लहराया | वही रोशन जोशी और उनकी टीम दुसरे स्थान पर आए |

14 जनवरी के खेल का समापन के पश्चात अगले दिन 15 जनवरी को शतरंज, कैरम, महिलओं के लिए थ्रोबाल और रंगोली प्रतियोगिता पोन्नेरी स्थित अन्ना आदर्श स्कूल के मैदान में रखी गई | थ्रोबाल प्रतियोगिता में महिलाओं ने जम कर आनंद उठाया | तीन टीमों में से बिन्दु भट्ट की टीम प्रथम रही | वही चन्द्रकला बोहरा की टीम दुसरे स्थान पर रही | मुख्य अथिति के रूप में श्रीमान उत्तमचंद सा उपाध्याय और श्रीमती सुज्ञा बाई को आमन्त्रित किया गया |

थ्रोबाल के समापन के पश्चात कैरम और शतरंज प्रतियोगिता आरम्भ की गई | कैरम का खेल कुछ लम्बा गया किन्तु मजे लूटने में किसी ने कमी नहीं दिखाई | वही शतरंज के फाइनल में करन उपाध्याय और आनंद शर्मा के बीच कांटे की रही | करन उपाध्याय ने यह साबित कर दिया की, उम्र से नहीं बल्कि खिलाड़ी अपने खेल से जाना जाता हैं | कैरम में रोनक बोहरा प्रथम और भरत सिलोरा द्वित्य स्थान पर वही शतरंज में आनंद शर्मा प्रथम और करन उपाध्याय द्वित्य स्थान पर रहा |



भोजन उपरांत रंगोली प्रतियोगिता आरम्भ हुआ | रंगोली प्रतियोगिता के लिए हर टीम को एक घंटा का समय दिया गया | प्रतियोगिता आरम्भ होते ही उत्साह से भरपूर प्रतियोगी जुट गए अपने कार्य पर | मैदान के आँगन को रंगों से भरा देख नैन भी कौतुहल से इधर उधर मटके जा रही थी | एक घंटा पश्चात प्रतियोगियों के निवेदन पर 15 मिनट और दिया गया | बिन्दु भट्ट की टीम और चन्द्रकला बोहरा की टीम ने गणपति को आधार रख सुन्दर रंगोली बनाई | मिनाक्षी सिलोरा की टीम ने "बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ" आधारित रंगोली बनाई तो मालती पालिवाल और वंदना पालिवाल की टीम ने विविध स्वरुप के आकार की रंगोली बनाई |




आकार, रंगों के मिश्रण, और सफाई के मापदंड देख श्रीमती मिनाक्षी सिलोरा की टीम को विजेता घोषित किया गया |
खेल महोत्सव 2018 के तीसरे और आखरी दिन क्रिकेट का खेल आयोजित किया गया | क्रिकेट का खेल वीरापुरम गाँव स्थित MVR Cricket Ground में खेला गया | आठों टीमों के बीच जैसा युद्ध सा छिड गया | बिगुल बजते ही हर टीम दुसरे टीम को मात देने को अग्रसर हो गई | कोई अंक अर्जित कर रहा था तो कोई रन रेट पर अपनी दृष्टि गडाए जा रहा था | अंत में जय हिन्द पल्टन और गो रॉयल्स के बीच फाइनल का मैच खेला गया | रोमांच और उत्साह से भरपूर यह अन्तिम मैच किसी वर्ल्ड कप फाइनल से कम नहीं था | अन्तिम ओवर तक यह मैच कभी इसके पलड़े में तो कभी उसके पलड़े में जाता रहा | अंत में जीत जय हिन्द पल्टन की रही जो अपना ध्यान और मैच पर पकड़ बनाए रखा | सुदर्शन शर्मा के शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन के कारन (जय हिन्द पल्टन के खिलाड़ी) उनको क्रिकेट टूर्नामेंट का महानायक घोषित किया गया | खेल महोत्सव के अन्तिम दिन के मुख्य अथिति के रूप में श्रीमान संजय सा त्रिवेदी और श्रीमान प्रकाश पुट्टी जी को आमन्त्रित किया गया |




इसी के साथ खेलमहोत्सव 2018 कार्यक्रम संपन्न हुआ |

कुछ महत्वपूर्ण व रोचक बातें :-

समाज में पहली बार - इतने बड़े खेल का आयोजन हुआ जो किसी महोत्सव से कम नहीं था |
समाज में पहली बार - समाज के महिलाओं ने भी खेलों में उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया |
समाज में पहली बार - कोई खेल कार्यक्रम का आयोजन हुआ जो तीन दिनों तक चला |
समाज में पहली बार - अपने ही समाज के युवाओं ने इतने प्रतियोगिता में भाग लिया हो |

अंत में मैं परमानन्द उपाध्याय ब्राह्मण युवा संगठन का संयोजक के नाते अपने सभी सहयोगी राजेश कुमार पालिवाल, योगेश जोशी, नन्द किशोर जोशी, मयूर उपाध्याय, राहुल गेलावत, दिनेश भट्ट, संगीता उपाध्याय और निर्मला बोहरा को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने इस खेल महोत्सव के आयोजन में अपना सहयोग दिया और इनके अलावा मैं श्रीमान रोशन सा सिलोरा का विशेष रूप से धन्यवाद अर्पित करता हूँ जिन्होंने हमारी आवश्यकता के अनुसार सहायता की | इनके अलावा मैं अजीत जोशी, येशवंत जोशी, मोहित जोशी, सुदर्शन उपाध्याय, शुभम व्यास और उनके सहित सभी बन्धुओं को भी धन्यवाद अर्पित करता हूँ जिन्होंने खेलों को उचित ढंग से समापन करने में हमारे सहभागी रहे | उनके सहभागी के बिना इस खेल महोत्सव का इतने उत्साहपूर्वक रूप से समापन होना शायद ही हो पाता |
आशा करता हूँ की अगली बार महिलाएँ अपना संकोच त्याग कर और अधिक प्रतियोगी के रूप में भाग लेंगे | इतने बड़े स्वरुप में खेल महोत्सव के आयोजन पर त्रुटी या कोई चूक होना स्वाभाविक हैं | यदि कोई त्रुटी हमारे जाने या अनजाने से हुई हो तो दोनों हाथ जोड़ हम क्षमा की याचना करते हैं | हमारा प्रयास रहा हैं की हम हर प्रकार की त्रुटी पर अपनी दृष्टि गडाए रखें | फिर भी यदि कोई त्रुटी होई हो तो हमारे प्रति किसी प्रकार का द्वेष या क्रोध को स्थान ना दे कर विवेक पूर्वक अपनी बात रखें |


मन की बात
:

खेल महोत्सव के प्रतियोगिता के अवसर पर हमने कुछ बातों पर अपनी दृष्टि जमाई और देखा की कुछ बातें जो घटित हो रही है वह ब्राह्मण युवा संगठन के लक्ष्य को विपरीत दिशा कि ओर ले जा रही हैं | हमारा लक्ष्य समाज के सभी युवाओं को संगठित करना हैं | परन्तु प्रतियोगिता के समय घुट बाजी देखने को मिली | यह घुट बाजी ही है जो हमारे समाज को दीमक की भाँती एक दुसरे से विलग किए जा रही हैं | प्रतियोगिता के समय सभी अपने अपने एरिया के प्रतियोगी को ही प्रोत्साहन देते देखने को मिले | यह भले ही उस क्षण के लिए सही लग रहा हो किन्तु समय उपरांत यही एक दुसरे के प्रति द्वेष का रूप ले लेता हैं | यह लक्षण युवाओं को जोड़ता नहीं बल्की तोड़ता हैं | एक एरिया और दुसरे एरिया के बीच बैर उत्पन्न करता हैं | आशा करता हूँ की आप हमारे इस विचार पर मनन करेंगे और सजग हो युवाओं को एक सूत्र में बाँधने में हमारी सहायता करेंगे |

हमारा क्रम रहा हैं की हम बिना किसी के पूछे संगठन का खाता बही समाज के सामने रख देते हैं | हर बार की तरह इस बार भी हम संगठन का खाता बही इस लेख के साथ प्रेषित कर रहे हैं |